नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि पंजाब में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और वहां पुलिस पूर्व सैनिक अधिकारी के साथ अभद्रता करके उनका एन्काउंटर की बात करती है जो अत्यंत गंभीर मामला है इसलिए इन पुलिस कर्मियों को तत्काल गिरफ्तार करके मामले की न्यायिक जांच की जानी चाहिए।
कांग्रेस पूर्व सैनिक कोष्ठ के प्रमुख सेवा निवृत्त कर्नल रोहित चौधरी ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पटियाला में सेना के सर्विंग कर्नल और उनके बेटे के साथ पंजाब पुलिस के कर्मियों ने बर्बरता करके उससे मारपीट की है। यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस मामले में आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए सभी 12 पुलिसकर्मियों को बखास्त करके उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
उन्होंने भगवंत सरकार को गुंडाराज करार दिया और कहा,“ सेवा निवृत्त सेना अधिकारी के साथ हुई इस घटना में कर्नल का हाथ टूट गया लेकिन चार दिन तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। साफ है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसी घटना हमने पंजाब में इससे पहले नहीं देखी। ये गुंडागर्दी है जिसे खाकीवर्दी वालों ने अंजाम दिया है। पंजाब में एक एसएसपी हैं नानक सिंह, जिन्हें दो साल पहले भी पटियाला से हटा दिया गया था। यही एसएसपी आरोपियों को बचाने का काम कर रहे हैं इसलिए उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। इस घटना में पहले कहा गया कि कर्नल नशे में थे लेकिन रिपोर्ट में कुछ नहीं निकला। फिर पीड़ित परिवार पर केस ख़त्म करने का दबाव डाला गया। इसके बाद आठ दिन बाद परिवार को सुरक्षा दी जा रही है।”
कर्नल चौधरी ने कहा,“पीड़ित परिवार के आरोप हैं कि कर्नल और उनके बेटे को 45 मिनट तक पीटा गया, उनका एनकाउंटर करने की बात कही गई और पीड़ितों को छेड़खानी के फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी गई। पटियाला में सेना अधिकारी और उनके बेटे के साथ हुई इस घटना से आज पूरा देश आहत है। हैरानी की बात है कि सेना के कर्नल और उनके बेटे के साथ जिस जगह मारपीट की गई, वहां मौजूद ढाबे के मालिक से कहा गया कि वो अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए, ताकि इस प्राथमिकी का कोई औचित्य न बने।
इस घटना के वीडियो में दिखता है कि पुलिसवाले कर्नल बाथ को सड़क पर गिराकर लात से मार रहे हैं। इस मामले में कर्नल को मारने के बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें डराने के लिए कहा कि 'हम एनकाउंटर करके आ रहे हैं।”
कांग्रेस के पंजाब के प्रभारी सचिव आलोक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का 'जय जवान-जय किसान' का नारा रहा है लेकिन आज पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने यह नारा बदल कर 'मारो जवान को, मारो किसान को' कर दिया है। पंजाब पिछले तीन साल में 'पुलिस स्टेट' के रूप में तब्दील हो चुका है और 13-14 मार्च की रात कर्नल बाथ के साथ घटना हुई घटना रात एक बजे अस्पताल पहुंचे लेकिन सुबह छह बजे उनका इलाज किया गया। यहां तक कि इस केस में चार दिन तक प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई। कल राज्यपाल के हस्तक्षेप से पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की बात की गई, लेकिन सुरक्षा पंजाब पुलिस के वर्दी वाले गुंडों से। आज हालात ये हैं कि एक फौजी पंजाब में अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। जब पुलिस ही एनकाउंटर की बात कहे और झूठे केस में फंसाने की बात कहे- तो सोचिए कि प्रशासन ने पुलिस वालों को कितनी छूट दे रखी है।
उन्होंने कहा,“दुर्भाग्य है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो गृहमंत्री भी हैं, उनकी तरफ से इस मामले में कोई बयान अभी नहीं आया है। पंजाब में सात से आठ लाख रिटायर्ड और इन-सर्विस फौजी हैं और मुख्यमंत्री को इनसे माफी मांगकर सेवा निवृत्त न्यायाधीश मामले की जांच के आदेश दें और जांच में सेना के अधिकारी को शामिल कर एसएसपी नानक सिंह का नाम प्राथमिकी में दर्ज हो। सेना हमारी रक्षक है इसलिए इस मामले में कड़ी कार्रवाई हो ताकि आगे से ऐसा कुछ न हो।हमारा मानना है कि इस पूरे घटनाक्रम में भगवंत मान और आम आदमी पार्टी सरकार पूरी तरह से दोषी हैं।”